MP Board Best of Five Yojana क्यों हुई बंद, वजह जानकार होश उड़ जाएँगे | MP Board Best of Five Yojana Benefits & Disadvantage | विधार्थी छोड़ते थे गणित विज्ञान विषय
MP Board बेस्ट ऑफ़ फाइव के तहत प्रदेश में 2016-17 में 9वी और 10वी कक्षाओं की वार्षिक परीक्षा में प्राप्तांको की गणना के लिए बेस्ट ऑफ़ फाइव की शुरुआत की थी। माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित परीक्षाओं में 6 विषयों की परीक्षा ली जाती है। बेस्ट ऑफ़ फाइव पद्धति के तहत परीक्षा में इन 6 विषय में से जिन 5 विषयो में अच्छे अंक की प्राप्ति होती थे उन 5 विषयो के अंक जोड़कर विद्द्यार्थी का रिजल्ट तैयार किया जाता था ।
MP Board Best of Five Yojana क्यों हुई बंद
“MP Board Best of Five Yojana” के अंतर्गत हाईस्कूल (9वीं और 10वीं) में छह विषय थे – हिंदी,अंग्रेजी ,संस्कृत , सामाजिक विज्ञान, विज्ञान और गणित। इस पद्धति के अनुसार, जिन 5 विषयों में अधिकतम अंक होते थे, उनका टोटल करके परिणाम घोषित किया जाता है और छठे विषय में जिसमें सबसे कम अंक होते थे, उसकी गणना टोटल में नहीं की जाती थी। उस विषय के अंक, अंक-सूची में केवल प्रदर्शित होते थे और इस विषय में उत्तीर्ण होना भी आवश्यक नहीं होता था।
MP Board Best of Five Yojana overview
Topic | MP Board Best of Five Yojana क्यों हुई बंद |
Organization | Madhya Pradesh Board of Secondary Education, Bhopal |
Session | 2023-24 |
Article type | MP Board Scheme |
Scheme | Best of Five Yojana |
Class | 10th |
Exam Date | after 6 days |
Official website | mpbse.nic.in |
MP Board Best of Five Yojana benefits
इस पद्धति से उन विद्द्यार्थी को बहुत राहत मिली थी जो की एक विषय में कमजोर रहते थे और उनका रिजल्ट बिगड़ जाता था या वो एक विषय से फ़ैल हो जाते थे। इस योजना के अनुसार अदि किसी विद्द्यार्थी के एक विषय में बहुत कम नंबर आते थे या वो एक विषय में फ़ैल हो जाता था तो उस विषय को छोड़ दिया जाता था जिसमे उसके कम नंबर आये है और बाकि के 5 विषयो से उस विद्द्यार्थी का रिजल्ट तैयार किया जाता था । यह तब ही संभव था जब विद्धयर्थी उन 5 विषयो और उनके प्रेक्टिकल और प्रोजेक्ट में फ़ैल न हुआ हो। इससे रिजल्ट में जो गिरावट आती थी वो कम हो गयी थी।
MP Board Best of Five Yojana disadvantage
इस पद्धति का सबसे बड़ा नुकसान ये था की विद्द्यार्थी केवल 5 विषयो पर ही ध्यान देते थे। एक विद्द्यार्थी के लिए विज्ञानं और गणित सबसे महत्वपूर्ण सब्जेक होता है , विद्द्यार्थी अक्सर विज्ञानं और गणित सब्जेक्ट को ही छोड़ देते थे जिससे उन्हें आगे की कक्षाओं के परेशानी होती थी।
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जिन छात्रों ने “बेस्ट ऑफ फाइव योजना” का उपयोग करके पास किया, उन्हें अन्य प्रतियोगितात्मक परीक्षाओं के लिए योग्य माना नहीं जाता था। वे छात्र जो सभी 6 विषयों में उच्च अंक प्राप्त करके पास होते थे, उनके परिणामों को भी केवल पांच विषयों के आधार पर ही तैयार किया जाता था, जिससे उनके मन में एक विषय को न पड़ने की भावना उत्पन्न होती थी। इस योजना से विद्यार्थियों की पढ़ाई में बहुत नुकसान होता था। अब स्टूडेंट्स को सभी छह विषयों में पास होना जरूरी होगा।
विधार्थी छोड़ते थे गणित विज्ञान विषय
बोर्ड ने इस योजना को बंद करने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा है। स्कूल शिक्षा मंत्री भी इसे बंद करने के पक्ष में हैं। स्कूल शिक्षा विभाग जल्द ही इस संबंध में निर्देश जारी कर सकता है। 10वीं के लगातार बिगड़ते रिजल्ट को देखते हुए 2017 में बोर्ड ने बेस्ट ऑफ फाइव योजना लागू की थी। इसके तहत छह विषयों में से एक में फेल होने पर भी स्टूडेंट्स को पास कर दिया जाता था। इसी योजना को देखते हुए विद्यार्थी एक विषय पर ध्यान नहीं देते थे।
वे अक्सर वही विषय छोड़ते थे जो उनके लिए आगे की पढाई में बहुत महत्वपूर्ण होते थे जैसे गणित और विज्ञानं। नई शिक्षा नीति के तहत समग्र मूल्यांकन को देखते हुए बोर्ड ने बेस्ट ऑफ फाइव को समाप्त करने के लिए अक्टूबर 2020 में अनुशंसा की थी। इस बीच कोरोना के चलते प्रस्ताव अटक गया।
Conclusion
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको MP Board Best of Five Yojana क्यों बंद की गई है इसकी वजह बताई और ये भी बताया कि इस योजना से कैसे एक विधार्थी को फायदा पहुँचता था तो दूसरी तरफ बड़ा नुक्सान भी l दोस्तों एमपी बोर्ड के सभी अपडेट पाने के लिए हमसे जुड़े l
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