10वीं की कॉपी कैसे चेक होती है : आज जान लो कि उत्तर पुस्तिकाओं को कैसे जांचते हैं, कक्षा 9वी वाले जरूर देखें

दोस्तों भारत के सभी राज्यों में लगभग राज्य के स्तर पर आयोजित करने वाली पहली बोर्ड परीक्षा कक्षा दसवीं की होती है l जो भी विद्यार्थी कक्षा 9वी तक पढ़ाई कर लेते हैं, भले ही वह ठीक से पढ़ाई करे हो, अपने शाला में प्रथम स्थान प्राप्त किया हो, लेकिन जब बात आती है बोर्ड परीक्षा कक्षा दसवीं के एग्जाम की, तो विद्यार्थी के अंदर एक डर सा पैदा होता है और वह इसी सोच में पड़ जाता है कि आखिर बोर्ड परीक्षा कैसे होती है, किस प्रकार कॉपियों की जांच की जाती है, कहीं विद्यार्थी को फेल तो नहीं कर दिया जाता l

इन्हीं सब बातों को ध्यान रखते हुए हम आपको बोर्ड परीक्षा कक्षा दसवीं से संबंधित कुछ विशेष बात बताएंगे l जैसे कि कक्षा 10वीं की कॉपी कैसे चेक होती है, बोर्ड परीक्षा आयोजित कैसे की जाती है, पुनर्मूल्यांकन कैसे किया जाता है, क्या कमजोर विद्यार्थी को फेल कर दिया जाता है, स्कूल के मुकाबले बोर्ड परीक्षा में ज्यादा नंबर मिलते हैं, सारे प्रश्नों और सारे टॉपिक पर आज हम विशेष चर्चा करेंगे l

10वीं की कॉपी कैसे चेक होती है

स्कूल में जब हम वार्षिक परीक्षा देते हैं तो हर कोई जानता है कि उन उत्तर पुस्तिकाओं की जांच स्कूल में ही की जाती है l स्कूल के शिक्षक ही हमारी कॉपियों की जांच करते हैं और उन्हें पता होता है कि विद्यार्थी किस तरह से पढ़ाई किया है और उसे कितने अंक मिलना है l हालांकि कोई भी शिक्षक उत्तर पुस्तिका में मिलने वाली आंखों से ज्यादा नहीं दे सकता, अन्यथा वह पकड़ा जा सकता है l बात करें बोर्ड परीक्षा में कॉपी ओ की जांच प्रक्रिया की, तो दोस्तों जब हम बोर्ड परीक्षा कक्षा दसवीं का पेपर देते हैं, तो उसके बाद कॉपियों को अलग-अलग स्कूलों में चेक करने के लिए पहुंचाया जाता है l

10वीं की कॉपी कैसे चेक होती है
10वीं की कॉपी कैसे चेक होती है

इस गलतफहमी में ना रहे की कक्षा दसवीं की समस्त उत्तर पुस्तिकाओं को भोपाल भेजा जाता है, बल्कि जिले में ही उत्तर पुस्तिकाओं को बड़े-बड़े विद्यालयों के होनहार शिक्षकों से चेक कराया जाता है l मान लीजिए कि दमोह में कुल 10 परीक्षा केंद्र थे, तो 10 परीक्षा केंद्र की सारी उत्तर पुस्तिकाओं को विद्यालयों में बांट दिया जाता है और उसके बाद अनुभवी शिक्षक उसकी जांच करते हैं l

स्कूल परीक्षा से ज्यादा अंक मिलते हैं बोर्ड परीक्षा में

दोस्तों एक दिल खुश करने वाली बात तो यह साफ नजर आती है कि स्कूल में आयोजित होने वाली वार्षिक परीक्षाओं के मुकाबले में बोर्ड परीक्षा में हमें ज्यादा अंक मिलते हैं l यदि मान लीजिए कोई विद्यार्थी कक्षा छठवीं से लेकर कक्षा नौवीं तक एवरेज प्रतिशत 60-70% प्राप्त करता है, तो मुमकिन है कि कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा में वह 75-80% प्राप्त करें l इसकी कुछ वजह भी होती है जैसे कि –

  1. बोर्ड परीक्षा को गंभीर समझते हुए ज्यादा पढ़ाई करता है
  2. एवरेज विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा के नाम से ज्यादा पढ़ाई करने लगता है
  3. उसका टारगेट यही होता है कि पिछले साल से अधिक प्रतिशत बोर्ड परीक्षा में लाना है
  4. विद्यार्थी कक्षा दसवीं के पेपर में Self study खूब करता है, जिस कारण उसके प्रतिशत बढ़ जाते हैं
  5. स्कूल के शिक्षक एवं कोचिंग इंस्टिट्यूट के शिक्षक ज्यादा से ज्यादा प्रतिशत बने इसके लिए जी जान से बच्चे को पढ़ाते हैं

उम्मीद से कम अंक मिलने पर क्या करें

दोस्तों कई बार ऐसा होता है कि जब हम बोर्ड परीक्षा का एग्जाम देते हैं और परीक्षा परिणाम घोषित किया जाता है, तो मिलना चाहिए था हमें 70%, लेकिन मिलता है 55% तो कहीं ना कहीं हमें यह लगता है कि हमारी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच अच्छी तरह से नहीं की गई l बता दें कि जब भी आपको उम्मीद से कम अंक मिले, तो आप निराश ना हो ; इसके लिए भी काफी सारे ऑप्शन है, जिसकी सहायता से आप अपने बोर्ड परीक्षा के प्राप्तांक को बढ़ा सकते हैं l इस बारे में विस्तार से जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें l

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